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बीसीसीआई ने आईसीसी के विरुद्ध पाकिस्तान के दो खिलाड़ियों पर आधिकारिक शिकायत दर्ज की

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एशिया कप 2025 में मौक़े पर आया विवाद

डुबई अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में रविवार को खेला गया भारत‑पाकिस्तान का सुपर फोर मुकाबला सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि राजनैतिक और भावनात्मक तनाव का भी मंच बन गया। मैच के दौरान पाकिस्तान के दो खिलाड़ियों ने ऐसे इशारों को अपनाया जो तुरंत ही भारतीय दर्शकों और मीडिया में हलचल मचा गया।

बीसीसीआई ने इन इशारों को ‘उकसाने वाले’ माना और तुरंत आईसीसी को एक औपचारिक ई‑मेल शिकायत भेजी। शिकायत में दो प्रमुख घटनाओं का ज़िक्र है: साहिबजादा फ़रहान ने अपना पाँचावन बनाते ही छड़ी को काल्पनिक बंदूक में बदल दिया और हवा में गोली चलाने का जेस्चर किया, जबकि तेज़ बॉलर हारिस रउफ़ ने फील्डिंग के दौरान भारतीय दर्शकों को ‘6‑0’ का संकेत दिया, जिसे कुछ लोग पाकिस्तान की ऑपरेशन सिंधूर की सज़ा से जोड़ रहे थे।

आईसीसी सुनवाई और दोनों टीमों की प्रतिक्रियाएँ

आईसीसी सुनवाई और दोनों टीमों की प्रतिक्रियाएँ

इसी पर आईसीसी के एलिट पैनल रेफ़री रिची रिचर्डसन के सामने दोनों खिलाड़ियों को बुलाया गया। सुनवाई में फ़रहान ने कहा कि ये जेस्चर उनके क्षेत्र में साधारण जश्न होते हैं और इसका भारत से कोई संबंध नहीं है। हारिस रउफ़ ने सवालों के जवाब में कहा कि उन्हें खुद नहीं पता कि ये इशारे भारत से क्यों जोड़ कर देखे जा रहे हैं, इसलिए उनका इरादा अनजाना था।

इसी बीच, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भी भारतीय कप्तान सूर्यमुखर यदव के पोस्ट‑मैच बयान पर शिकायत दर्ज की। यदव ने जीत के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की ‘बहोदरता’ और पाहलगाम हमले के शहीदों के परिवारों के प्रति समर्थन जताया था, जिसे पाकिस्तानी अधिकारी ‘उकसाने वाला’ मानते हैं। पीसीबी ने मैच रेफ़री ऐंडी पाइकक्राफ्ट को हटाने की भी मांग की, क्योंकि उन्होंने दोनों टीमों को हाथ मिलाने से रोका था।

दोनों बोर्डों की शिकायतों के बीच एक दिलचस्प तथ्य यह है कि दोनों ही खिलाड़ियों ने सुनवाई में ‘नहीं guilty’ कहा। यह बात दर्शाती है कि खेल के मैदान पर किए गए छोटे‑छोटे इशारे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितनी बड़ी राजनीतिक लहरें उभार सकते हैं।

  • साहिबजादा फ़रहान – ‘गन जश्न’ के कारण विवाद
  • हारिस रउफ़ – ‘6‑0’ संकेत से उभरी शिकायत
  • सूर्यमुखर यदव – सशस्त्र बलों के समर्थन पर पीसीबी की शिकायत
  • ऐंडी पाइकक्राफ्ट – दोनों बोर्डों की रेफ़री पर आपत्ति

आगे क्या होगा, यह अभी भी अनिश्चित है। आईसीसी ने शुक्रवार को दोनों पक्षों के आरोपों पर अपना अंतिम फैसला सुनाने का वादा किया है। यदि गहरी सजा लगती है तो यह एशिया कप 2025 के फाइनल को नई परत दे सकती है, जहाँ भारत और पाकिस्तान की टीमें एक ही ग्राउंड पर मिलेंगी। यह मैच न केवल टाइटल के लिए, बल्कि राष्ट्रीय अभिमान और कूटनीतिक संवेदनशीलता के लिहाज़ से भी कई सवालों को जन्म देगा।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

6 टिप्पणि

Aravind Anna

Aravind Anna

सितंबर 28, 2025 AT 00:12

ये जेस्चर्स तो हर मैच में होते हैं भाई अब तक किसी ने इतना बड़ा मामला क्यों बनाया अब तो बंदूक का इशारा भी युद्ध का संकेत हो गया क्या अब गेंद फेंकते वक्त भी न्यूक्लियर वारहेड लग रहा है
आईसीसी अब खेल के बजाय राजनीति का बैठक बना रहा है

Rajendra Mahajan

Rajendra Mahajan

सितंबर 29, 2025 AT 13:51

इतिहास के हर पल में खेल राष्ट्रीय भावनाओं का आईना रहा है लेकिन अब तो ये भावनाएं बहुत तेज हो गई हैं
एक छोटा सा इशारा जब एक देश के लिए अपमान बन जाए तो दूसरे देश के लिए वो जश्न है
हम खेल को राष्ट्रीय ध्वज बना रहे हैं और फिर उसी ध्वज के नीचे लड़ने लगे
क्रिकेट का जो आध्यात्मिक अर्थ था वो अब बस एक नारा बन गया है
हम जीतना चाहते हैं लेकिन दूसरे को हराना भी जरूरी है
ये नहीं समझ पा रहे कि खेल का मकसद इकट्ठा होना है न कि बाँटना
क्या हम अपने बच्चों को भी यही सिखाएंगे कि दूसरे की जीत तुम्हारी हार है
ये सब बस एक भावनात्मक विस्फोट है जिसका नाम हम खेल रख रहे हैं

ANIL KUMAR THOTA

ANIL KUMAR THOTA

अक्तूबर 1, 2025 AT 08:52

दोनों तरफ से शिकायतें आ रही हैं ये तो बहुत अजीब है
एक तरफ बीसीसीआई शिकायत कर रहा है दूसरी तरफ पीसीबी भी कर रहा है
अगर दोनों टीमें इतनी भावनात्मक हैं तो फिर एशिया कप क्यों खेल रही हैं
ये बातें खेल से बाहर हैं

VIJAY KUMAR

VIJAY KUMAR

अक्तूबर 1, 2025 AT 23:57

अरे भाई ये सब तो बस एक बड़ा सा नाटक है जिसमें आईसीसी भी नाटक का हिस्सा है
क्या आपने देखा कि रेफरी ने हाथ मिलाने से रोका तो अब वो भी गुनहगार हो गया
ये 6-0 का इशारा तो पाकिस्तानी टीम ने किया लेकिन भारतीय टीम ने तो फिल्डिंग में गांड फाड़ दी थी और किसी ने शिकायत क्यों नहीं की
ये जो गन वाला जेस्चर है वो तो अमेरिका के फुटबॉल में हर दिन होता है
लेकिन अब भारत में जब कोई गोली चलाता है तो ये जानबूझकर आतंकवादी बन जाता है
और ये सूर्यमुखर यदव का बयान तो बस एक शहीदों के प्रति सम्मान था लेकिन पाकिस्तान के लिए ये भी वारहेड हो गया
मतलब अब तो हर चीज़ पर नाटो लग रहा है
इस तरह तो अगले मैच में बल्लेबाज ने चाय पी ली तो वो अप्रूव्ड ड्रिंकिंग का मामला बन जाएगा
इस तरह खेल का अंत हो जाएगा
ये सब एक बड़ा सा इंटरनेट ड्रामा है जिसमें टीवी चैनल भी अपनी रेटिंग के लिए जुट गए हैं
अब तो खेल के बाद जब खिलाड़ी बोलेंगे तो उनके हर शब्द पर एफबीआई छापा मारेगा
हम खेल के बजाय अपने दिमाग के अंधेरे को खेल पर चढ़ा रहे हैं

Manohar Chakradhar

Manohar Chakradhar

अक्तूबर 3, 2025 AT 10:20

मैं तो सोचता हूँ अगर ये सब इशारे वास्तव में अपमानजनक होते तो खिलाड़ी इतने खुले तरीके से क्यों करते
क्या वो जानते नहीं कि कैमरा उन्हें कैप्चर कर रहा है
अगर वो अपमान करना चाहते तो फिर बस गालियाँ दे देते या बोल देते कि तुम लोग बेकार हो
ये तो बस एक आदत है जो उनके देश में आम है
हम भी तो अपने देश में जब कोई बड़ा शॉट लगाता है तो उसे फिर से दिखाते हैं और खुश हो जाते हैं
ये बात तो दोनों तरफ से हो रही है
अगर आईसीसी इसे बड़ा मामला बनाता है तो अगले मैच में कोई खिलाड़ी ने चश्मा पहना तो उसे भी बैन कर देंगे
खेल का मजा तो यही है कि वो जिंदगी का हिस्सा है न कि उसका नियम बन जाए
अगर हम इतने संवेदनशील हो गए हैं तो फिर खेल का क्या मतलब

LOKESH GURUNG

LOKESH GURUNG

अक्तूबर 5, 2025 AT 01:36

ये जो हारिस रउफ़ ने 6-0 का इशारा किया वो बिल्कुल ठीक था अगर आप लोगों को लगता है कि ये अपमान है तो आप खुद अपने देश में भी ऐसा करते हैं
क्या आपने देखा जब भारत ने पाकिस्तान को 6-0 से हराया तो किसी ने कुछ नहीं कहा
अब तो ये दोहरा मानक है
और फ़रहान का जेस्चर तो बिल्कुल बेकार बात है वो तो बस खुशी में नाच रहा था
ये जो बीसीसीआई शिकायत कर रहा है वो तो बस इंटरनेट पर ट्रेंड करने के लिए है
अगर आईसीसी इसे गंभीर लेगा तो अगले मैच में कोई खिलाड़ी ने चिपकी हुई चिप्स खाई तो उसे बैन कर देंगे 😂
खेल खेल है दोस्तों नहीं तो वो बस एक शो है

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