तीसरा ODI: भारत की महिला टीम ने इंग्लैंड को हराया
चेस्टर-ले-स्ट्रीट में 22 जुलाई को खेले गए तीसरे वनडे में भारत की महिला टीम ने 13 रन से जीत दर्ज की, जिससे उन्होंने इंग्लैंड पर ODI श्रृंखला का पारितोषिक ले लिया। यह जीत भारत की महिला क्रिकेट की निरंतर प्रगति और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी ताकत को फिर से साबित करती है।
भारत ने 50 ओवर में भारत महिला क्रिकेट के नाम पर 318/5 का शानदार स्कोर लगाया। रनों की इस ऊँची लकीर को दो प्रमुख खिलाड़ी मिलकर लिखे – कप्तान हार्मनप्रीत कौर का स्वर्ण शतक और जेमिमाह रोड्रिग्ज का तेज़ी से बना हुआ अर्ध‑शतक।
इंग्लैंड की पिच पर शुरुआती जोड़ी प्रिया पुनीय रावल और स्मृति मंदाना ने 57 गेंदों में 50 रन की ठोस साझेदारी बनाई, जिससे टीम को शुरुआती दृढ़ता मिली। मंदाना ने 29 रन और रावल ने 20 रन जोड़े, परन्तु दोनों ही को क्रमशः 12.1 ओवर में डिब्बे से बाहर कर दिया गया।
तीसरी विकेट पर हार्लीन देओल ने 27 रन के साथ करियर का एक और महत्वपूर्ण आंकड़ा बनाया और कौर के साथ 50‑रन की साझेदारी बनाई। फिर कौर ने अपनी 7वीं ODI शतक की ओर बढ़ते हुए 82 गेंदों में 100 रन बनाकर बल्लेबाज़ी में महारत का प्रदर्शन किया। उनका पाँचवीय 54 गेंदों पर, सात फ़ोर के साथ आया, जिससे लय और तेज़ हो गई।
कौर के बाद शेष आवर में जेमिमाह रोड्रिग्ज ने 44 गेंदों में 50 रन का झड़का खोला, जिससे दोनों खिलाड़ी मिलकर चौथे विकेट पर 100‑रन की तेज़ साझेदारी बना कर भारत को 300‑रन के पार ले गए। रोड्रिग्ज के सात फ़ोर और कौर के दो अतिरिक्त चौके ने स्कोरबोर्ड को और चमका दिया।
रिचा घोश ने अंत की ओवरों में कुछ रिफ़्यूज की, परन्तु इंग्लैंड की लैरीन फाइलर ने 48.3 ओवर में उनका पाँचवा रन फेंक दिया, जिससे यह गैप और बढ़ गया। भारत ने अंत में 318/5 पर अपर्ण किया, जिससे लक्ष्य 319 रन बना।
इंग्लैंड की महिला टीम ने लगातार 49.5 ओवर में 305 रन बनाकर जवाबिया दिया, पर कौर के शतक और रोड्रिग्ज के फ़ोर के कारण यह लक्ष्य हाथ से बाहर रहा। इंग्लैंड को 13 रन की हार का सामना करना पड़ा।
सीजन का विश्लेषण और भविष्य की झलक
यह श्रृंखला जीत भारत के टूर के दोहरा सफलता को दर्शाती है, क्योंकि उन्होंने पहले ही T20 श्रृंखला जीत ली थी। दोनों स्वरूपों में जीत हासिल करना टीम की बहुपयोगिता और गहरी बेंच का प्रमाण है।
टीम की बॉलिंग यूनिट ने भी असर दिखाया, जहाँ एन्हैली टॉमली, दीपिका लिवानी और बेनाज़ी शिर्सा ने क्रमशः विकेट लेकर इंग्लैंड को दबाव में रखा। उनके औसत 3.4 रन प्रति ओवर की रिफ़्यूज ने भारत को लक्ष्य सुरक्षित करने में मदद की।
हार्मनप्रीत कौर ने न केवल शतक से टीम को आगे बढ़ाया, बल्कि अपनी कप्तानी में धैर्य और रणनीति भी दिखाई। उन्होंने गेंदबाजों को सही क्रम में इस्तेमाल किया और फ़ील्डिंग में तीव्रता बनाए रखी। उनका 100‑रन उनका 7वां शतक है और यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनके स्थायी स्थान को मजबूत करता है।
जेमिमाह रोड्रिग्ज की तेज़ी और स्थिरता का मिश्रण दर्शाता है कि युवा खिलाड़ी अब टीम में विश्वास के साथ अपना योगदान दे रहे हैं। उनके 50‑रन ने सिंगल‑ओवर में 8 रन की औसत गति को बढ़ाया, जिससे अंतिम ओवरों में रनों की भरमार बनी।
टूर की इस सफलता ने भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊर्जा दी है। अब अगली प्रमुख प्रतियोगिताओं, जैसे एशिया कप और विश्व कप, में टीम को उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा। इस जीत से टीम का मानसिक स्तर ऊँचा रहेगा और युवा प्रतिभाओं को बड़ी मंच पर अपना प्रदर्शन दिखाने का अवसर मिलेगा।
भविष्य में टीम को अपने बॉलिंग क्यूब का विस्तार करना होगा, विशेषकर तेज़ पिचों पर। साथ ही, पिच की विविधता को देखते हुए फिक्शन की जरूरत होगी, जिससे वे एंग्लैंड जैसी तेज़ गती वाली सतहों पर भी अडिग रह सकें।
समाप्ति में, यह श्रृंखला जीत भारत की महिला क्रिकेट के इतिहास में एक मील का पत्थर है, जहाँ दोनों फॉर्मेट में जीत बनाई गई। इस यात्रा ने दिखाया कि एकजुटता, रणनीतिक सोच और व्यक्तिगत चमक से टीम बड़ी चुनौतियों को पार कर सकती है।