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थेनी जिले में सांप के काटने की घटना: बाइक पर जा रहे दो दोस्तों से हुआ खौफनाक सामना

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थेनी में बाइक सवार दो दोस्तों का खौफनाक अनुभव

कभी-कभी ज़िंदगी रास्ते में अजीब मोड़ ले लेती है। थेनी जिले में दो दोस्त जब अपनी बाइक से लौट रहे थे, तो शायद उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उनका सामना अचानक एक सांप से हो जाएगा। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं थी, बल्कि इलाके में बढ़ रहे सांप काटने के मामलों की चिंता फिर से बढ़ाने वाली थी।

दोनों दोस्त शाम के वक्त गांव से लौट रहे थे। रास्ता सुनसान था, सड़क के किनारे झाड़ियाँ और धूल। तभी अचानक एक सांप तेजी से सड़क पार करने लगा और इसी बीच बाइक सवार उसके बहुत करीब पहुंच गए। एक हल्की सी टक्कर के बाद सांप ने झटके से हमला कर दिया। मित्रों में से एक के पैर में सांप के काटने का निशान मिल गया।

घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि ऐसे मामलों में त्वरित इलाज बेहद जरूरी होता है। साथी दोस्त ने समय रहते बाइक रोक दी और तुरंत मदद के लिए गांववालों को बुलाया। आनन-फानन में पीड़ित को पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों का कहना है कि सांप की पहचान अगर जल्दी हो जाए और मरीज को समय पर एंटीवेनम मिल जाए, तो जान बचाना संभव है। इस केस में भी त्वरित इलाज से दोस्त की हालत स्थिर है।

थेनी जिले में सांप के काटने के बढ़ते मामले और जरूरी सावधानियां

तमिलनाडु के थेनी समेत कई जिलों में 2024 के शुरूआती महीनों में ही 204 सांप काटने के मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें 7 मौतें भी हुई हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि मानसून, खेतों में काम और गांव-कस्बों की खुली जमीन ऐसे खतरे को और बढ़ा देती है।

  • गांवों में रात में बिना टोर्च या जूते के बाहर निकलना आज भी आम है, जिससे खतरा सबसे ज्यादा है।
  • खेतों, झाड़ियों या जंगल के पास वाहन चलाते वक्त सतर्क रहना जरूरी है।
  • सांप का काटना हमेशा जानलेवा नहीं होता, लेकिन पहली मदद में देरी खतरे को बढ़ा सकती है।

स्थानीय प्रशासन अब गांवों में जागरूकता अभियान चला रहा है। प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को बताया जा रहा है कि अगर किसी को सांप काट ले तो वह घबराए बिना तुरंत अस्पताल पहुंचे। गांव के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे डरे हुए मरीज की ठीक से मदद कर सकें।

थोड़ी सी सतर्कता और समय पर सही इलाज, यही हथियार है इस अदृश्य खतरे से लड़ने के लिए। बाइक पर सफर कर रहे इन दो दोस्तों का किस्सा बताता है कि खतरा कभी भी, कहीं भी सामने आ सकता है—खासकर उन इलाकों में जहां सांप काटने की घटनाएं आम हो चुकी हैं।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

9 टिप्पणि

Aravind Anna

Aravind Anna

अप्रैल 22, 2025 AT 04:24

ये सांप के काटने का मामला तो हर साल होता ही है पर कोई सच्ची चेतावनी नहीं देता। गांव में रात को बिना जूते निकलना अब भी स्टाइल माना जाता है। बस अब लोगों को डर लगना चाहिए न कि भगवान पर भरोसा।
बाइक पर जा रहे दोस्तों का अच्छा किया कि तुरंत रुक गए। देरी होती तो जान जा जाती।

Rajendra Mahajan

Rajendra Mahajan

अप्रैल 22, 2025 AT 23:18

सांप के काटने का मुद्दा सिर्फ चिकित्सा का नहीं बल्कि पर्यावरणीय भी है। जंगल कटाई, खेतों का विस्तार और निर्माण के कारण सांपों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है। वो अब रास्तों पर आते हैं क्योंकि उनके लिए कहीं और जाने का रास्ता नहीं बचा।
हम जो बचाना चाहते हैं वो बचाने के लिए पहले अपने व्यवहार को बदलना होगा।

ANIL KUMAR THOTA

ANIL KUMAR THOTA

अप्रैल 24, 2025 AT 22:35

इलाके में लोगों को सांप के बारे में जागरूक करना जरूरी है। बच्चों को स्कूल में सिखाया जा रहा है ये अच्छी बात है। पर बुजुर्गों तक पहुंचाना ज्यादा मुश्किल है। अगर गांव में स्वास्थ्य कर्मचारी रोजाना घूमें तो बहुत फायदा होगा।

VIJAY KUMAR

VIJAY KUMAR

अप्रैल 24, 2025 AT 23:06

अरे ये सब तो सरकार का नाटक है। एंटीवेनम की दुकानें खाली होती हैं और फिर लोगों को समझाने लगे कि घबराओ मत।
क्या तुम्हें पता है जब भी कोई सांप काटता है तो एक चुपके से उसकी त्वचा को चोरी कर लिया जाता है? 🤫
ये सांप असल में एक नए नियम का हिस्सा हैं। डॉक्टर बनाने के लिए लोगों को डराया जा रहा है। 🤯
अगर तुम इसे बचाना चाहते हो तो घर में रहो। बाइक न चलाओ। 🚴‍♂️💥

Manohar Chakradhar

Manohar Chakradhar

अप्रैल 26, 2025 AT 11:51

ये घटना बहुत डरावनी लगी पर एक बात सच है - जब तक हम अपनी आदतों को नहीं बदलेंगे तब तक ऐसे मामले बढ़ते रहेंगे।
मैं अपने गांव में रात को जूते पहनकर ही बाहर निकलता हूं। एक छोटी सी आदत जान बचा सकती है।
और हां, अगर किसी को काट ले तो भागो मत। घबराओ मत। तुरंत अस्पताल जाओ। देरी करना बहुत खतरनाक है।

LOKESH GURUNG

LOKESH GURUNG

अप्रैल 27, 2025 AT 19:37

सुनो लोगों ये एंटीवेनम नहीं तो तुम लोगों को घर पर ही बैठे रहना होगा 😅
मैंने खुद एक बार सांप काटा था। तुरंत बाइक रोकी और अस्पताल भागा। 2 घंटे में ठीक हो गया।
पर अगर तुम उसे जकड़कर ले जाने की कोशिश करोगे तो तुम्हारी जान जा जाएगी। नहीं तो तुम लोगों को जानकारी देने के लिए ये पोस्ट नहीं लिखा जाता। 🐍🔥

Aila Bandagi

Aila Bandagi

अप्रैल 28, 2025 AT 21:58

मैंने भी एक बार रात को बिना जूते बाहर निकलकर एक छोटा सा सांप देखा था। डर गई थी। अब हम घर पर टोर्च रखते हैं। बहुत छोटी बात है पर बहुत बड़ा असर होता है।

Abhishek gautam

Abhishek gautam

अप्रैल 30, 2025 AT 06:00

इस पोस्ट को देखकर लगता है कि आप सब लोग एक बच्चे की तरह सोच रहे हैं। सांप काटना एक विकास की आवश्यकता है। यह एक प्राकृतिक चयन का उदाहरण है।
जिन लोगों को सांप काटता है वे अपनी असावधानी के लिए दंड पा रहे हैं। जिनकी जान बच गई वे अपनी बुद्धिमत्ता के लिए धन्यवाद दे रहे हैं।
हमें डर के बजाय ज्ञान की ओर बढ़ना चाहिए। ये सब एंटीवेनम की बातें बस एक व्यावसायिक रचना है।
मैंने अपने गांव में एक बुजुर्ग से सुना था कि जब तक हम सांपों को नहीं समझेंगे, तब तक हम उनके शिकार बने रहेंगे। आप लोग बस एक आंकड़ा देखकर चिल्ला रहे हैं।

Imran khan

Imran khan

मई 1, 2025 AT 06:30

मैं एक ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मचारी हूं। हर हफ्ते हम दो गांवों में जाते हैं। एंटीवेनम की कमी असली समस्या है।
कई बार अस्पताल में दवा नहीं होती और लोग घर लौट जाते हैं।
सरकार को ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाने चाहिए। और गांवों में लोगों को सिखाएं कि काटने के बाद घाव को बांधकर न रखें। वो खून बहने दें।
और हां - बाइक पर जाते वक्त जूते जरूर पहनें। ये बहुत छोटी बात है लेकिन जान बचाती है।

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