हर साल 25 सितंबर को हम विश्व भर के फ़ार्मासिस्टों की क़दर करते हैं। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस तारीख पर 1968 में अंतर्राष्ट्रीय फार्मेसी परिषद (FIP) ने पहली बार एक वैश्विक कार्यक्रम आयोजित किया था। तब से फ़ार्मासिस्टों को उनके रोगियों के स्वास्थ्य देखभाल में निभाए अहम रोल के लिए सम्मानित किया जाता है।
फ़ार्मासिस्ट सिर्फ़ दवा देने वाले नहीं, वे स्वास्थ्य सलाहकार, रोग प्रबंधन में मददगार और कई बार डॉक्टर की टीम के महत्वपूर्ण सदस्य होते हैं। यही कारण है कि उनका दिन अलग से मनाना जरूरी माना गया। हमारे देश में भी इस दिन को बड़े उत्साह से मनाया जाता है – स्कूलों में कार्यशालाओं से लेकर अस्पतालों में विशेष कार्यक्रम तक।
25 सितंबर को कई देशों में विभिन्न इवेंट होते हैं। भारत में मेडिकल कॉलेज, फार्मेसी संस्थान और बड़े अस्पताल अपने छात्रों एवं कर्मचारियों के लिये सत्र आयोजित करते हैं। इनमें दवा सुरक्षा, नई उपचार तकनीकें और रोगी‑फोकस्ड काउंसलिंग पर चर्चा होती है। अक्सर फ़ार्मासिस्टों को सम्मान पत्र या पदक भी दिए जाते हैं।
सोशल मीडिया पर भी इस दिन विशेष पोस्ट, वीडियो और कैंपेन चलते हैं। कई ब्रांड #WorldPharmacistDay जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करके अपने ग्राहकों तक स्वास्थ्य टिप्स पहुँचाते हैं। अगर आप फ़ार्मासिस्ट हैं तो आप अपनी कहानी या सफलता के किस्से शेयर कर सकते हैं; इससे पेशे की छवि को और मजबूती मिलेगी।
फ़ार्मासिस्ट दवा के सही उपयोग, डोज़ेज़ और साइड‑इफ़ेक्ट्स पर रोगी को सलाह देते हैं। वे डॉक्टर की लिखी प्रिस्क्रिप्शन को चेक करके गलतियाँ पकड़ते हैं, जिससे इलाज में सुरक्षा बढ़ती है। महामारी जैसे समय में वे वैक्सीन वितरण, टेस्टिंग किट सप्लाई और जनसंचार में अहम भूमिका निभाते हैं।
कई ग्रामीण इलाकों में फ़ार्मासिस्ट ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होते हैं। लोग अक्सर उनसे दवाइयों की उपलब्धता, रोग के लक्षणों का पहला पता लगाकर इलाज करवाते हैं। इस तरह उनका काम न सिर्फ़ दवा देना है, बल्कि स्वास्थ्य शिक्षा भी फैलाना है।
फ़ार्मासिस्ट नई तकनीकों को अपनाने में तेज होते हैं – मोबाइल ऐप्स, डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन और टेलीहेल्थ से रोगी तक आसानी से पहुंचते हैं। इससे इलाज जल्दी और सटीक होता है। भारत में कई स्टार्ट‑अप फ़ार्मा सेक्टर को डिजिटल बनाने पर काम कर रहे हैं और इस क्षेत्र में फ़ार्मासिस्टों की मांग बढ़ रही है।
यदि आप फ़ार्मेसी पढ़ रहे हैं या अभी-अभी अपना करियर शुरू किया है, तो यह दिन आपके लिये प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। अपने mentors से मिलें, नई स्किल्स सीखें और समाज में बदलाव लाने के लिए आगे बढ़ें। याद रखें, हर दवा की सही डोज़ सिर्फ़ डॉक्टर नहीं बल्कि फ़ार्मासिस्ट की देखरेख में ही सुरक्षित रहती है।
समाप्ति पर हम सबको यह बात याद रखनी चाहिए कि फ़ार्मासिस्ट हमारे स्वास्थ्य प्रणाली के अनदेखे नायकों में से एक हैं। विश्व फ़ार्मासिस्ट दिवस को मनाकर उनका सम्मान करें, उनके काम की सराहना करें और उन्हें बेहतर कार्य वातावरण देने की कोशिश करें। आपका छोटा‑सा योगदान भी इस पेशे को उज्जवल बना सकता है।
25 सितम्बर को McGill University Health Centre (MUHC) विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाता है, इस दिन फार्मासिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित किया जाता है। फार्मासिस्ट डॉक्टर और नर्सों के साथ मिलकर दवाइयों के सही उपयोग को सुनिश्चित करते हैं, दवाइयों के प्रभाव को नियमित करते हैं और रोगियों को व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करते हैं।
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