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कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के गैर-मौजूद शब्द 'ब्रोकनिस्ट' पर ट्रोलिंग: इस्तीफ़े की मांगें बढ़ीं

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनका 'ब्रोकनिस्ट' भाषण

कनाडा के वर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो हाल ही में एक खास तरह की भाषायी गफ़ के चलते सुर्खियों में आ गए हैं। उतनी ही तेजी से सोशल मीडिया पर उनका नाम गूंज उठा जितनी तेजी से ये नया शब्द 'ब्रोकनिस्ट' वायरल हो गया। संसद में दिए गए भाषण के दौरान ट्रूडो ने यह शब्द अपनी सरकार की आव्रजन नीतियों की वकालत करते हुए इस्तेमाल किया। उन्होंने ऐसा एक ऐसे समय में किया जब उनसे विपक्षी नेता पीयर पोइलिवरे आवास संकट की समस्या के लिए जवाबतलबी कर रहे थे। पोइलिवरे ने तुरंत इस पर प्रतिक्रिया दी, बता कर कि 'ब्रोकनिस्ट' एक असली शब्द नहीं है, और वहां मौजूद लोगों के बीच हंसी का माहौल बन गया।

इस घटना को लेकर ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई मीम्स बनाए गए, जिनमें ट्रूडो के शब्दकोश पर ही सवाल उठाए गए। इस गफ़ ने लोगों के मन में यह धारणा बनाई कि ट्रूडो न केवल सरकार की नीतियों को, बल्कि अँग्रेजी भाषा को भी 'ब्रोकन' यानी कि तोड़-मरोड़ रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, 'अगर भाषा तोड़ना एक कला होती, तो ट्रूडो को एवार्ड मिलना चाहिए।'

राजनीतिक संकट: लिबरल पार्टी और ट्रूडो के बीच का अंतर

यह घटना तब हुई है जब ट्रूडो की अपनी लिबरल पार्टी के भीतर से आवाज उठने लगी है कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। कुल 24 लिबरल सांसदों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसमें ट्रूडो से मांग की गई है कि वे चौथी बार प्रधानमंत्री पद पर न आएं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें 28 अक्टूबर तक का समय दिया है कि वे स्वयं पद त्याग दें, अन्यथा उन्हें संजीदगी से नतीजों का सामना करना पड़ेगा। पार्टी के इस कदम से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आंतरिक तनाव बढ़ चुका है और ट्रूडो की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जाने लगे हैं।

इस घटनाक्रम का एक बड़ा कारण कनाडा में लिबरल पार्टी के गिरते हुए समर्थन को माना जा रहा है। ताजे जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक, लिबरल पार्टी विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी से लगभग 13 प्रतिशत अंक पीछे चल रही है। ऐसे में पार्टी के भीतर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग स्वाभाविक है।

आगे की रणनीति

आगे की रणनीति

समस्याएं केवल एक भाषायी गफ़ तक सीमित नहीं हैं। इसके अलावा, आव्रजन नीतियों की आलोचना और कनाडा में आवास संकट जैसे मुद्दे भी जस्टिन ट्रूडो के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। अगर ट्रूडो मज़बूती से रणनीति नहीं अपनाते हैं, तो उनकी राजनीतिक गाड़ी में सही मायने में 'ब्रोकन गैप' आ जाएगा।

इसके बावजूद, इस सब के बीच, ट्रूडो के लिए यह सोचना भी जरूरी है कि भाषा की गलती चाहे कितनी भी छोटी क्यों न हो, लेकिन वह उनकी राजनीतिक स्थिति को कितना बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। अनिश्चितता के इस दौर में, क्या वह अपनी नेतृत्व क्षमता को पुनः स्थापित कर सकते हैं या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

14 टिप्पणि

Amiya Ranjan

Amiya Ranjan

अक्तूबर 26, 2024 AT 02:36

ये ब्रोकनिस्ट शब्द तो अब एक नया राजनीतिक टूल बन गया है। ट्रूडो के लिए ये बस एक गलती नहीं, बल्कि उनकी सोच का प्रतीक है। भाषा तोड़ना आसान है, लेकिन विश्वास तोड़ना आसान नहीं।

vamsi Krishna

vamsi Krishna

अक्तूबर 27, 2024 AT 06:55

broknnist?? lol yaar ye kya word hai yaar, english toh thik se nahi aati kya isko? 😒

Mohit Parjapat

Mohit Parjapat

अक्तूबर 27, 2024 AT 11:08

ब्रोकनिस्ट नहीं... ब्रोकन-ट्रूडो है! 😂 इसने तो भाषा के साथ-साथ देश की आत्मा भी तोड़ दी! अब तो हर बच्चा जानता है कि जो शब्द नहीं होता, वो ट्रूडो के मुंह से निकलता है! अब इसे डिक्शनरी में डाल दो, नाम रखो 'ट्रूडोविज़म'! 🤡

vishal kumar

vishal kumar

अक्तूबर 27, 2024 AT 11:41

भाषा की त्रुटि एक दर्पण है जो नेतृत्व की अस्थिरता को उजागर करती है। यह शब्द अस्तित्वहीन है, लेकिन इसकी प्रतिक्रिया सामाजिक असंतोष का सूचक है। शब्द अस्थायी हैं, लेकिन विश्वास का अभाव स्थायी होता है।

Oviyaa Ilango

Oviyaa Ilango

अक्तूबर 28, 2024 AT 22:05

ब्रोकनिस्ट शब्द नहीं है इसलिए ये भाषण अनुचित है। अब तो इसे राजनीति की भाषा में शामिल कर देना चाहिए।

Aditi Dhekle

Aditi Dhekle

अक्तूबर 30, 2024 AT 09:47

फ़िलोलॉजिकल लेवल पर यह एक न्यूलॉजिज़म है-एक अज्ञात शब्द जो एक सामाजिक विवाद को निशाना बना रहा है। यह ट्रूडो के लिए एक लिंग्विस्टिक लैबिलिंग है, जो उसके नेतृत्व की अस्थिरता को रेखांकित करता है। यह भाषा का उपयोग नहीं, बल्कि अस्तित्व का अभाव है।

Aditya Tyagi

Aditya Tyagi

अक्तूबर 31, 2024 AT 16:42

अरे भाई, ये ब्रोकनिस्ट शब्द तो बहुत अच्छा लगा! ये तो उसकी असली भाषा है! जिस देश में घर नहीं हैं, वो शब्द बनाता है! अब तो ये शब्द हमारे घरों की तरह है-खाली, टूटा, और बेकार!

pradipa Amanta

pradipa Amanta

नवंबर 2, 2024 AT 13:10

ये ब्रोकनिस्ट शब्द तो बहुत अच्छा नहीं लगा। ट्रूडो को इस्तीफा देना चाहिए। बस यही सब कुछ है।

chandra rizky

chandra rizky

नवंबर 4, 2024 AT 10:22

अच्छा लगा ये ब्रोकनिस्ट वाला मीम 😊 लेकिन असली समस्या तो आवास और आव्रजन है। शब्द तो बस एक झलक है। उम्मीद है वो समाधान भी ढूंढ लेंगे। 🙏

Rohit Roshan

Rohit Roshan

नवंबर 5, 2024 AT 04:05

ये ब्रोकनिस्ट शब्द तो बहुत मज़ेदार है! 😄 लेकिन असली बात तो ये है कि उनकी सरकार का आवास नीति में कोई रणनीति नहीं है। शब्द तो बस बाहरी चिह्न हैं। अगर घर बन जाएंगे, तो शब्द भी ठीक हो जाएंगे।

arun surya teja

arun surya teja

नवंबर 5, 2024 AT 07:38

भाषा के उपयोग में त्रुटि नेतृत्व की गुणवत्ता का संकेत नहीं है। वास्तविक चुनौतियाँ आर्थिक और सामाजिक स्थिरता में निहित हैं। एक शब्द के लिए राजनीतिक अस्थिरता का कारण नहीं बनाया जाना चाहिए।

Jyotijeenu Jamdagni

Jyotijeenu Jamdagni

नवंबर 7, 2024 AT 02:25

ब्रोकनिस्ट? ये तो ट्रूडो का नया ब्रांड हो गया! 😂 अब तो उसके लिए टी-शर्ट बन रही हैं! लेकिन सच बताऊं तो ये शब्द तो उसके बारे में हमारी भावनाओं का बेहतरीन रिफ्लेक्शन है-हंसी, नाराजगी, और थोड़ी उदासी। अब तो ये शब्द हमारा है।

navin srivastava

navin srivastava

नवंबर 8, 2024 AT 09:03

ब्रोकनिस्ट शब्द नहीं है ये तो ट्रूडो का राजनीतिक असफलता का सबूत है। उसकी सरकार तो बस शब्दों के बीच खो गई है। अब तो इस्तीफा दे दे वरना भारत भी इसे अपनाने लगेगा।

Narendra chourasia

Narendra chourasia

नवंबर 9, 2024 AT 21:32

अरे ये ब्रोकनिस्ट शब्द तो बस शुरुआत है! अगर ये बस शब्द बनाकर चलता है, तो घर बनेंगे कैसे? आवास संकट? बस एक शब्द बनाकर भूल जाते हैं! इस्तीफा दे दे अब तक! अगर नहीं तो लोग तोड़ देंगे! ये तो बस एक शब्द है? नहीं ये तो एक राष्ट्र का टूटना है!

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