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हैदराबाद में 75 दिन का इंतजार: 2025 में भारतीय छात्रों की F‑1 वीज़ा स्लॉट संकट

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जब रंधीर के, हैदराबाद से डेटा साइंस में मास्टर करने वाले छात्र, ने अपने I‑20 प्राप्त कर लिया, तब उसे पता चला कि F‑1 वीज़ा इंटरव्यू के लिए हैदराबाद में इंतजार का समय 75 दिन तक पहुँच गया है। यही नहीं, कोलकाता और नई दिल्ली में भी 60‑से‑अधिक दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि चेन्नई में स्थिति थोड़ा आसान‑से‑45 दिनों की सीमा में है। यह सब 2025 के शैक्षणिक सत्र के शुरुआती जून में शुरू होने वाले कई भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा झटका है।

पिछले कुछ महीनों में स्थिति का विकास

अमेरिका के दूतावास ने हाल ही में हज़ारों अतिरिक्त वीज़ा स्लॉट जारी किए, परन्तु वे मिनटों में बुक हो गए। संयुक्त राज्य अमेरिका के दूतावास, नई दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट ने कहा कि यह “स्मार्ट बुकिंग सिस्टम” के कारण है, पर छात्रों के लिये यह मदद नहीं बन पाई। इसी दौरान, महेंद्र बी, चेन्नई से न्यू‑यॉर्क में डेटा साइंस करने वाले छात्र ने कहा, “स्लॉट केवल पाँच‑दस दिन के लिए खुलते हैं, अगले दिन फिर बंद हो जाता है। दो महीने से इंतजार कर रहा हूँ, नहीं पता कब पहुँचना संभव होगा।”

बिल्ट‑इन बॉटलनेक: अपॉइंटमेंट का इंतजार

वास्तव में वीज़ा प्रोसेसिंग खुद जल्दी है – इंटरव्यू के बाद पासपोर्ट स्टैम्पिंग 3‑14 दिनों में हो जाता है। समस्या केवल अपॉइंटमेंट की उपलब्धता में है। पिछले साल से लेकर अब तक, मुख्य कारणों में शामिल हैं:

  • फॉल इंटेक (जून‑अगस्त) का मौसमी विस्फोट, जिससे 3‑8 महीने की बैकलॉग बनती है;
  • 2025 के मध्य में लागू हुई कड़ी डिजिटल वैरिफिकेशन, जिसमें सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल की जाँच भी शामिल है;
  • दूतावास में स्टाफ की कमी और बढ़ती मांग;
  • कोविड‑19 के बाद का अद्यतित बैकलॉग, जो अभी भी पूरी तरह साफ नहीं हुआ है।

ऐसे में, साफ‑सुथरे रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को 3‑6 हफ्तों में मंजूरी मिल सकती है, पर अधिकांश मामलों में 2‑4 महीने का इंतजार सामान्य माना जाता है, और जाँच‑पड़ताल वाले केस 4‑6 महीने तक खींच सकते हैं।

परिणाम और छात्र‑समुदाय की प्रतिक्रिया

ऐसी देर से मंजूरी न केवल छात्रों के अकादमिक प्लान को बाधित करती है, बल्कि उनका आर्थिक दबाव भी बढ़ा देती है। कई छात्र अपने साइन‑अप किए हुए छात्रवृत्ति या शिक्षा ऋण की अंतिम तिथियों को छूटने के ख़तरे में हैं। “मैंने पहले ही एयर टिकट खरीदा, पर अब नहीं पता कब वीज़ा मिलेगा,” रंधीर ने कहा।

परामर्शदात्री कंपनियों ने कहा कि इस तरह की स्थितियाँ आम तौर पर पीक‑सीज़न में एक महीने पहले सुलझ जाती हैं, पर 2025 में यह समस्या असामान्य रूप से लंबी हो गई है। “हम अपने क्लाइंट्स को सलाह देते हैं कि I‑20 मिलते ही एप्प्लिकेशन जमा कर दें और सॉफ़्टवेयर अलर्ट के ज़रिये स्लॉट मुक्त होते ही बुक कर लें,” एक प्रमुख वीज़ा काउंसलिंग फर्म के प्रतिनिधि ने बताया।

तुरंत क्या करें? छात्रों के लिये व्यावहारिक सुझाव

यदि आपका प्रोग्राम 10 जून को शुरू हो रहा है, तो नीचे दिए गए कदम अपनाएँ:

  1. जैसे ही I‑20 प्राप्त हो, SEVIS I‑901 फ़ी और वीज़ा आवेदन फ़ी तुरंत भुगतान करें।
  2. State Department की वैक़ी टाइम टूल को रोज़ाना देखें और उपलब्ध स्लॉट पर तुरंत बुकिंग करें।
  3. आवश्यक दस्तावेज़ – एडमिशन लेटर, वित्तीय प्रमाण, छात्रवृत्ति या ऋण प्रमाण – को व्यवस्थित रखें, ताकि इंटरव्यू में किसी भी अतिरिक्त माँग का जवाब तुरंत दे सकें।
  4. सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल को प्री‑स्क्रीन करें; यदि सार्वजनिक पोस्ट में विवादास्पद सामग्री है तो उसे निजी या हटा दें।
  5. यदि आपका प्रोग्राम 60 दिनों के भीतर शुरू हो रहा है, तो “expedited appointment” के लिए दूतावास को लिखित अनुरोध भेजें (मेडिकल, अकादमिक इमरजेंसी का उल्लेख करें)।
  6. यदि आपके पास कोई विश्वसनीय दोस्त या रिश्तेदार USA में है, तो “visa‑on‑arrival” या “third‑country processing” विकल्पों के बारे में जानकारी लें, हालांकि 2025 में ये विकल्प अभी सीमित हैं।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: 2020‑2024 के अनुभव से क्या सीखें?

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: 2020‑2024 के अनुभव से क्या सीखें?

कोविड‑19 के दौरान 2020‑2021 में वीज़ा बैकलॉग ने पहले ही चार‑पाँच महीने तक पहुँचाया था। उस समय दूतावास ने “ऑन‑डिमांड” स्लॉट प्रणाली लागू की, परन्तु पुनः स्थिरता आने में कई साल लगे। 2023‑2024 में फॉर्म‑फॉर्मेट अपडेट और नई डिजिटल स्क्रिनिंग ने प्रक्रिया को थोड़ा तेज़ किया, पर संसाधन घटाने की नीति ने फिर से दबाव बढ़ा दिया। इस क्रम में 2025 का संकट एक “सिंक‑इफेक्ट” है: पुराने बैकलॉग + नया सुरक्षा नियम + उच्च तीव्रता वाले शैक्षणिक सत्र = अटूट बाधा।

आगे क्या हो सकता है? निकट भविष्य की संभावनाएँ

कई विशेषज्ञों का मानना है कि दूतावास अगले दो‑तीन महीनों में अतिरिक्त “डेली‑बुचिंग” स्लॉट जारी कर सकते हैं, पर इसके लिए स्टाफिंग बढ़ाना अनिवार्य होगा। भारतीय विदेश मंत्रालय भी इस विषय पर “डिप्लोमैटिक प्रायोरिटी” पर चर्चा कर रहा है, जिससे बहु‑देशीय छात्रों को एक वैकल्पिक प्रोसेसिंग सेंटर मिल सके। हालांकि, यह निश्चित नहीं है कि यह उपाय तुरंत लागू होगा। इसलिए छात्रों को अभी भी स्वयं सक्रिय रहना, सभी संभावित विकल्पों को ट्रैक करना और समय‑सीमा के अनुसार बैक‑अप प्लान बनाना ही सबसे व्यावहारिक कदम है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मैं 60‑दिन से कम समय में शुरू होने वाले कोर्स के लिये वीज़ा कैसे तेज़ करवा सकता हूँ?

आपको देर न होने पर ही दूतावास को लिखित “expedited appointment” अनुरोध भेजना चाहिए, जिसमें कोर्स की शुरूआती तिथि, धनराशि की पुष्टि और चिकित्सा या अकादमिक इमरजेंसी का दस्तावेज़ संलग्न हो। साथ ही, वैध SEVIS फ़ी और वीज़ा आवेदन फ़ी का भुगतान कर चुके हों, और सभी फाइलें पूरी तरह तैयार रखें। यह प्रक्रिया अक्सर 3‑7 दिन में उत्तर देती है, पर कोई गारंटी नहीं।

क्या मैं किसी अन्य देश में वीज़ा प्रोसेस कर सकता हूँ?

वर्तमान में भारत के बाहर तीसरे‑देश में F‑1 वीज़ा के लिये कोई आधिकारिक सुविधा नहीं है। कुछ छात्र शेनजेन या दुबई में US‑कंसुलेट के माध्यम से “ऑन‑लाइन अपॉइंटमेंट” का विकल्प देख सकते हैं, पर यह बहुत सीमित है और केवल आपातकालीन मामलों में ही दिया जाता है। इसलिए भारत के भीतर उपलब्ध स्लॉट को पकड़ना ही सबसे भरोसेमंद उपाय है।

वर्तमान में कौन‑से शहरों में सबसे कम इंतजार समय है?

2025 की नवीनतम डेटा के अनुसार, चेन्नई में औसत इंतजार समय लगभग 45 दिन है, जो अन्य प्रमुख शहरों की तुलना में सबसे कम है। मुंबई और बेंगलुरु में भी 50‑55 दिनों का इंतजार देखा गया है, पर ये संख्या बदल सकती है क्योंकि नया स्लॉट जारी होते ही तुरंत भर जाता है।

किसी छात्र को वीज़ा रद्द हो जाने की सबसे बड़ी वजह क्या है?

सबसे आम कारण है “administrative processing” यानी अतिरिक्त सुरक्षा जाँच। इसमें सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल, पूर्व यात्रा इतिहास या संभावित साक्षात्कार प्रश्नों की विस्तार से समीक्षा शामिल है। इस प्रक्रिया में औसत 4‑6 महीने लग सकते हैं, और यह पूरी तरह से दूतावास के विवेक पर निर्भर करती है।

भविष्य में इस तरह के वीज़ा संकट को कैसे रोका जा सकता है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि दीर्घकालिक समाधान में स्टाफिंग बढ़ाना, ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम को अधिक स्केलेबल बनाना, और मौसमी पीक‑सीज़न के लिये पहले से बुकिंग विंडो खोलना शामिल है। साथ ही, डिजिटल वैरिफिकेशन के लिए स्पष्ट गाइडलाइन और रियल‑टाइम अपडेट सॉफ़्टवेयर छात्रों को समय पर तैयार होने में मदद कर सकती है।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

1 टिप्पणि

Nathan Rodan

Nathan Rodan

अक्तूबर 6, 2025 AT 04:32

भाइयों और बहनों, इस वीज़ा समस्या में हम सबका योगदान है, इसलिए मिलकर समाधान ढूँढना जरूरी है। हैदराबाद में 75 दिन का इंतजार बहुत ही कठिन है, पर हम एक-दूसरे को जानकारी बाँटकर थोड़ा राहत पा सकते हैं। सभी को सलाह है कि SEVIS फ़ी और अप्लिकेशन फ़ी तुरंत भुगतान कर दें, फिर टाइम टूल को रोज़ देखेँ। यदि कोई एक्सीडेंटल अपॉइंटमेंट मिलने की कोशिश करता है, तो दस्तावेज़ पूरे और साफ रखें। इस तरह हम इस कठिन दौर से साथ मिलकर निकल सकते हैं।

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