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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: बीजेपी ने 48 सीटों से वापसी, केजीआरवॉल समेत एएपी नेताओं की हार

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दिल्ली के चुनाव परिणामों ने पूरी राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी। 27 साल बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 70 सीटों में से 48 सीटों पर कब्जा कर दिल्ली सरकार फिर से अपने हाथ में ले ली। यह जीत न केवल रयायती बंडल को पुनर्स्थापित करती है, बल्कि एंटी‑एयर पॉलिसी (एएपी) के लिए भी बड़ी चुनौती बनती है।

परिणाम की मुख्य झलक

विधान सभा चुनाव में कुल मतदाता संख्या लगभग 2.7 करोड़ थी, जिसमें 61.5% की भागीदारी रही। भाजपा ने अपने पारंपरिक दलों के साथ मिलकर 48 सीटें जीतीं, जबकि एएपी को 20 सीटें मिलीं और दो स्वतंत्र उम्मीदवारों ने भी जगह बनाई। कई प्रमुख एएपी नेता, जिनमें मुख्यमंत्री अरविंद केसरीवाल (न्यू दिल्ली सीट) और उनके वरिष्ठ सहयोगी शामिल थे, पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्रों से बाहर निकल गए।

अब तक उपलब्ध डेटा के अनुसार, भाजपा ने विकास, सुरक्षा और रोजगार पर जोर देते हुए कई स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदरों का भरोसा जीत लिया। एएपी के प्रतिपक्षियों ने चुनाव के दौरान शहरी जल, प्रदूषण और सार्वजनिक सेवाओं को लेकर आलोचना की थी, लेकिन इसका असर सीमित रहा।

केजीआरवॉल की हार और इसके पीछे के कारक

केजीआरवॉल की हार और इसके पीछे के कारक

अरविंद केसरीवाल, जो पिछले दो कार्यकालों में दिल्ली के प्रमुख चेहरा रहे, नई दिल्ली सीट से 61,000 मतों के अंतर से हार गये। कई विश्लेषकों का मानना है कि उनके विरोधी ने युवा मतदरों को आकर्षित करने के लिए रोजगार और सुरक्षा को मुख्य मुद्दा बनाया। इसके अलावा, भाजपा द्वारा अपने संचार नेटवर्क का आधुनिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों पर प्रभावी उपयोग भी इस परिणाम में महत्वपूर्ण रहा।

एएपी के अंदर भी उम्मीदवार चयन में कई कमज़ोरियों को लेकर आलोचना हुई। कुछ क्षेत्रों में परिचित चेहरों की कमी और गठबंधन दलों के साथ संचार की कमी ने वोट बैंक को विभाजित किया।

विरोधी दलों ने कहा कि यह परिणाम केवल भाजपा की जीत नहीं, बल्कि एएपी के रणनीतिक गलतियों का भी प्रतिबिंब है। उन्होंने आगामी महीनों में पुनर्गठन की बात की है, जिससे पार्टी का सुदृढ़ीकरण हो सके।

बाजार में इस परिणाम का असर तुरंत दिखा। शेयर बाजार ने भाजपा की सत्ता वापसी को सकारात्मक रूप में लिया, जबकि एएपी से जुड़े कुछ छोटे उद्यमों के शेयर गिरावट दिखा। इस बीच, शहर में आर्थिक नीतियों और सार्वजनिक सेवाओं के लिए नई उम्मीदों की चर्चा भी तेज़ी से बढ़ रही है।

जैसे ही नई दिल्ली का राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है, जनता को अब देखना होगा कि नई सरकार कैसे कार्य करेगी और एएपी अपने भविष्य को कैसे संवारती है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के इस नए चरण में कई सवाल बाकी हैं, लेकिन एक बात साफ़ है: दिल्ली की राजनीति में अब एक नया अध्याय शुरू हो गया है।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।