रफ़्ट ड्राइविंग सिर्फ तेज़ गाड़ी चलाना नहीं, बल्कि नियम तोड़ना भी है। कई बार लोग समय की कमी या अड्रेस में जल्दी होने के कारण गति सीमा को नजरअंदाज़ कर देते हैं। इससे न केवल उनका जीवन खतरे में पड़ता है, बल्कि राहगीरों का भी नुकसान हो सकता है। इस टैग पेज पर हम रफ़्ट ड्राइविंग से जुड़े मुद्दे, कानून और बचाव के टिप्स को आसान भाषा में बताएँगे।
सबसे पहला कारण अक्सर समय की कमी है – लोग काम या अपॉइंटमेंट में देर नहीं होना चाहते। दूसरा कारक है तेज़ गाड़ी का आकर्षण; नई कारें और तेज़ इंजन लोगों को बहुत आकर्षित करते हैं। तीसरा कारण शराब या ड्रग्स के बाद गाड़ी चलाना है, जो जोखिम को दोगुना कर देता है। अंत में, सड़क पर भीड़भाड़ कम दिखने पर लोग समझते हैं कि थोड़ी तेजी ठीक रहेगी, लेकिन यही सबसे बड़ी गलती होती है।
पहला नियम – गति सीमा का पालन करें। अगर साइन पर 60 किमी/घंटा लिखा है, तो उसी से आगे न जाएँ। दूसरा, हमेशा सीट बेल्ट लगाएँ और पीछे बैठने वालों को भी यही याद दिलाएँ। तीसरा, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल या किसी भी डिस्ट्रैक्शन से बचें; यदि कॉल करनी हो तो हैंड्स‑फ़्री इस्तेमाल करें। चौथा, अगर थकान महसूस हों तो गाड़ी रोक कर थोड़ी देर आराम करें – नींद पूरी नहीं होगी तो प्रतिक्रिया समय घट जाएगा।
अगर आप देखेंगे कि कोई रफ़्ट ड्राइवर सड़क पर है, तो अपने वाहन को सुरक्षित दूरी पर रखें और तेज़ी से आगे न बढ़ें। पुलिस के पास तुरंत रिपोर्ट करना भी मददगार हो सकता है, खासकर जब गति सीमा बहुत अधिक हो। याद रखिए, हर छोटी सी सावधानी बड़ी दुर्घटना रोक सकती है।
भारत में रफ़्ट ड्राइविंग की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा साल‑दर-साल बढ़ रहा है। कई राज्य अब इस समस्या को कम करने के लिए कड़े जुर्माने और लाइसेंस सस्पेंशन की व्यवस्था कर रहे हैं। अगर आप नया ड्राइवर हैं, तो ड्राइविंग स्कूल में रफ़्ट ड्राइविंग पर विशेष प्रशिक्षण लें – इससे आपकी समझ बढ़ेगी और आप खुद भी सुरक्षित रहेंगे।
आखिर में, सड़क सुरक्षा सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि सबका दायित्व है। अगर हम सभी थोड़ा‑सही सोचें, गति सीमा मानें, तो रफ़्ट ड्राइविंग से जुड़ी दुर्घटनाएँ कम होंगी और हमारे शहर की सड़कों पर शांति लौटेगी। इस टैग पेज को पढ़कर आप अपने दैनिक चलने‑फिरने के तरीके में बदलाव ला सकते हैं – आज ही एक सुरक्षित ड्राइवर बनें।
मुंबई पुलिस ने स्पष्ट किया कि अभिनेत्री रवीना टंडन के खिलाफ दायर शिकायत, जिसमें उन्हें नशे में और लापरवाही से गाड़ी चलाने का आरोप लगाया गया था, झूठी है। घटना उनके घर के बाहर घटी जब उनका ड्राइवर गाड़ी पार्क कर रहा था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और पाया कि किसी को चोट नहीं आई और रवीना नशे में नहीं थीं।
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